नक्षत्र | स्वाती |
नक्षत्र देवता | वायु |
नक्षत्र स्वामी | राहु |
राशी | तुळ |
योनी | महिषी |
नाडी | अंत्य |
गण | देव |
आयन अंश | १८६.४० ते २०० |
नक्षत्र पाया | चांदी |
दान वस्तु | लालगाय |
मुख | तिर्यक |
दृष्टी | सुलोचन |
नक्षत्र तत्व | अग्नि |
नक्षत्र संज्ञा | चर |
नक्षत्र आराध्य वृक्ष | अर्जुन |
नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | काटे सांवर |
धार्यौषधि | जाई जुई चमेली |
क्षेमकर वृक्ष | सांवर |
नक्षत्र प्राणी | म्हैस |
नक्षत्र स्वभाव | शुभ |
राशी व्याप्ती | ४ हि चरण तुळ राशीमध्ये |
चरणाक्षरे(चरणांक) | रू(१),रे(२),रो(३),ता(४) |
नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ स्वात्यै नमःl |
नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ वायवे नमः l |
पौराणिक मंत्र | वायुवरं मृगारुढं स्वाती नक्षत्र देवताम् l खड्.ग चर्मोज्वल करं धुम्रवर्ण नमाम्यह्म् ll |
नक्षत्र पीडाहर मंत्र | स्वर्वेद्यावश्वीनौ देवौ व्दिभुजौ शुक्लवर्णको l सर्वारिष्ट विनाशाय अश्विभ्यांवै नमो नमः ll |
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स्वाती
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