| नक्षत्र | हस्त |
| नक्षत्र देवता | सुर्य |
| नक्षत्र स्वामी | चंद्र |
| राशी | कन्या |
| योनी | महिषी |
| नाडी | आद्य |
| गण | देव |
| आयन अंश | १६० ते १७३.२० |
| नक्षत्र पाया | चांदी |
| दान वस्तु | अन्न |
| मुख | तिर्यक |
| दृष्टी | मंद |
| नक्षत्र तत्व | वायु |
| नक्षत्र संज्ञा | क्षिप्र |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | जाई,चमेली |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | रिठा |
| धार्यौषधि | जाई जुई चमेली |
| क्षेमकर वृक्ष | नागकेशर |
| नक्षत्र प्राणी | म्हैस |
| नक्षत्र स्वभाव | शुभ,सत्वगुणी |
| राशी व्याप्ती | ४ हि चरण कन्या राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | टे(१),टो(२),पा(३),पी(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ हस्ताय नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ सवित्रे नमःl |
| पौराणिक मंत्र | सवितारहं वंदे सप्ताश्चरथ वाहनम् l पद्मासनस्थं छायेशं हस्तनक्षत्रदेवताम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | हस्तस्याधिपतीः सुर्यःजगदात्मा तथैवच :ll सर्वारिष्ट विनाशाय अश्विभ्यांवै नमो नमःll |
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हस्त
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