नक्षत्र | मृगशीर्ष |
नक्षत्र देवता | चंद्र |
नक्षत्र स्वामी | मंगळ |
राशी | वृषभ,मिथुन |
योनी | सर्प |
नाडी | मध्य |
गण | देव |
आयन अंश | |
नक्षत्र पाया | |
दान वस्तु | खीर |
मुख | तिर्यक |
दृष्टी | मंद |
नक्षत्र तत्व | वायु |
नक्षत्र संज्ञा | मृदु |
नक्षत्र आराध्य वृक्ष | खैर(कात) |
नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | पिंपळ |
धार्यौषधि | शेवरी |
क्षेमकर वृक्ष | पिंपळ |
नक्षत्र प्राणी | सर्प |
नक्षत्र स्वभाव | शुभ |
राशी व्याप्ती | २ चरण वृषभ राशीमध्ये,बाकीचे २ चरण मिथुन राशीमध्ये |
चरणाक्षरे(चरणांक) | वे(१),वो(२),का(३),की(४) |
नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ मृगशीर्षाय नमःl |
नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ चंद्रमसे नमःl l |
पौराणिक मंत्र | श्वेतवर्णाकृतीः सोमो व्दिभुजो वरदण्डभृत् l दशाश्वरथमारूढो मृगशिर्षोस्तु मे मुदे ll |
नक्षत्र पीडाहर मंत्र | सर्व नक्षत्रं मध्येतु सोमोराजा व्यवस्थितः l सर्वारिष्ट विनाशाय सोमाय सततं नमः ll |
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मृगशीर्ष
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