| नक्षत्र | पुर्वाषाढा |
| नक्षत्र देवता | जल/उदक |
| नक्षत्र स्वामी | शुक्र |
| राशी | धनु |
| योनी | वानर |
| नाडी | मध्य |
| गण | मनुष्य |
| आयन अंश | २५३.२० ते २६६.४० |
| नक्षत्र पाया | तांबा |
| दान वस्तु | कंबळ |
| मुख | अधो |
| दृष्टी | अंध |
| नक्षत्र तत्व | जल |
| नक्षत्र संज्ञा | उग्र |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | वेत |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | अशोक सीता |
| धार्यौषधि | कापुस |
| क्षेमकर वृक्ष | शमी |
| नक्षत्र प्राणी | वानर |
| नक्षत्र स्वभाव | उग्र |
| राशी व्याप्ती | ४ हि चरण धनु राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | भू(१),धा(२),फा(३),ढा(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ पूर्वाषाढाभ्यां नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ अद्भयो नमःl |
| पौराणिक मंत्र | आषाढदेवता नित्यमापः सन्तु शुभावहाःl समुद्र गास्तरा गिणोल्हादिन्यः सर्वदेहिनाम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | स्त्रीरूपाः पाशाकलशहस्ता मकरवाहनाःl श्वेतमौक्तिक भूषाढ्या अद्भस्ताभ्यो नमो नमःll |
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पूर्वाषाढा
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