नक्षत्र | पुष्य |
नक्षत्र देवता | गुरु |
नक्षत्र स्वामी | शनि |
राशी | कर्क |
योनी | मेष |
नाडी | मध्य |
गण | देव |
आयन अंश | ९३ २०, ते १०६ ४०, |
नक्षत्र पाया | चांदी |
दान वस्तु | रक्तवस्त्र |
मुख | ऊर्ध्व |
दृष्टी | अंध |
नक्षत्र तत्व | अग्नी |
नक्षत्र संज्ञा | क्षिप्र |
नक्षत्र आराध्य वृक्ष | पिंपळ |
नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | पळस |
धार्यौषधि | कापूर |
क्षेमकर वृक्ष | पळस |
नक्षत्र प्राणी | बकरी |
नक्षत्र स्वभाव | शुभ |
राशी व्याप्ती | ४ हि चरण कर्क राशीमध्ये |
चरणाक्षरे(चरणांक) | हू(१),हे(२),हो(३),डा(४) |
नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ पुष्याय नमःl |
नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ बृहस्पतये नमःll |
पौराणिक मंत्र | वंदे बृहस्पतिं पुष्यदेवता मानुशाकृतिम् ll सर्वाभरण संपन्नं देवमंत्रेण मादरात् ll |
नक्षत्र पीडाहर मंत्र | देवमंत्री विशालाक्ष सदालोकहिते रतःl सर्वारिष्ट विनाशाय धिषणाय नमो नमःll |
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पुष्य
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