| नक्षत्र | आश्लेषा |
| नक्षत्र देवता | सर्प |
| नक्षत्र स्वामी | बुध |
| राशी | कर्क |
| योनी | मार्जार |
| नाडी | अंत्य |
| गण | राक्षस |
| आयन अंश | १०६.४०ते १२० |
| नक्षत्र पाया | चांदी |
| दान वस्तु | तीळ |
| मुख | अधो |
| दृष्टी | मंद |
| नक्षत्र तत्व | जल |
| नक्षत्र संज्ञा | तीक्ष्ण |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | जुई(नागचाफा) |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | उंडी |
| धार्यौषधि | कडु पडवळ |
| क्षेमकर वृक्ष | पायरी |
| नक्षत्र प्राणी | मांजर |
| नक्षत्र स्वभाव | तीक्ष्ण,शोक |
| राशी व्याप्ती | ४ हि चरण कर्क राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | डी(१),डू(२),डे(३),डो(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ आश्लेषायै नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ सर्पेभ्यो नमःll |
| पौराणिक मंत्र | सर्पोरक्त स्त्रिनेत्रश्च फलकासिकरद्वयःl आश्लेषा देवता पितांबरधृग्वरदो स्तुमे ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | स्वर्वेद्यावश्वीनौ देवौ व्दिभुजौ शुक्लवर्णको ll सर्वारिष्ट विनाशाय तुस्मै नित्यं नमो नमःll |
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आश्लेषा
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