नक्षत्र | भरणी |
नक्षत्र देवता | यम - आद्य पितर |
नक्षत्र स्वामी | शुक्र |
राशी | मेष |
योनी | गज |
नाडी | मध्य |
गण | मनुष्य |
आयन अंश | |
नक्षत्र पाया | सुवर्ण |
दान वस्तु | पांढरी कपडे |
मुख | अधो |
दृष्टी | चिबिट |
नक्षत्र तत्व | अग्नि |
नक्षत्र संज्ञा | उग्र |
नक्षत्र आराध्य वृक्ष | आवळा |
नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | खैर |
धार्यौषधि | हदगा |
क्षेमकर वृक्ष | खैर |
नक्षत्र प्राणी | हत्ती |
नक्षत्र स्वभाव | क्रूर |
राशी व्याप्ती | ४ हि चरण मेष राशीमध्ये |
चरणाक्षरे(चरणांक) | ली(१),लू(२),ले(३),लो(४) |
नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ अपभरणीभ्यो नमःl |
नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ यमाय् नमः ll |
पौराणिक मंत्र | पाशदण्डं भुजव्दयं यमं महिष वाहनम l यमं नीलं भजे भीमं सुवर्ण प्रतीमागतम् ll |
नक्षत्र पीडाहर मंत्र | दंडहस्तघरं देवं महामहिष वाहनं l सर्वारिष्टं विनाशय नैमिनित्यं ll |
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भरणी
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