| नक्षत्र | पुर्वा(फाल्गुनी) |
| नक्षत्र देवता | भग |
| नक्षत्र स्वामी | शुक्र |
| राशी | सिंह |
| योनी | मुषक |
| नाडी | अंत्य |
| गण | राक्षस |
| आयन अंश | १३३.२० ते १४६.४० |
| नक्षत्र पाया | चांदी |
| दान वस्तु | अन्न |
| मुख | अधो |
| दृष्टी | सुलोचन |
| नक्षत्र तत्व | अग्नी |
| नक्षत्र संज्ञा | उग्र |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | पलाश(पळस) |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | बेल |
| धार्यौषधि | रिंगणी |
| क्षेमकर वृक्ष | बेल |
| नक्षत्र प्राणी | उंदीर |
| नक्षत्र स्वभाव | शुभ |
| राशी व्याप्ती | पहिले ४ हि चरण सिंह राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | मो(१),टा(२),टी(३),टू(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ पुर्वा फाल्गुनीभ्यां नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ भगाय नमःll |
| पौराणिक मंत्र | भगं रथवरारुढं व्दिभुंज शंखचक्रकम् l फाल्गुनीदेवतां ध्यायेत् भक्ताभीष्टवरप्रदाम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | स्वर्वेद्यावश्वीनौ देवौ व्दिभुजौ शुक्लवर्णको :l सर्वारिष्ट विनाशाय अश्विभ्यांवै नमो नमःll |
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पुर्वा
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