| नक्षत्र | अनुराधा |
| नक्षत्र देवता | मित्र |
| नक्षत्र स्वामी | शनि |
| राशी | वृश्चिक |
| योनी | मृग |
| नाडी | मध्य |
| गण | देव |
| आयन अंश | २१३.२० ते २२६.४० |
| नक्षत्र पाया | चांदी |
| दान वस्तु | शय्या |
| मुख | तिर्यक |
| दृष्टी | मंद |
| नक्षत्र तत्व | पृथ्वी |
| नक्षत्र संज्ञा | मृदु |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | नागकेशर |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | सिता अशोक |
| धार्यौषधि | अर्क |
| क्षेमकर वृक्ष | अशोक |
| नक्षत्र प्राणी | हरीण |
| नक्षत्र स्वभाव | शुभ |
| राशी व्याप्ती | ४ हि चरण वृश्चिक राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | ना(१),नी(२),नू(३),ने(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ अनुराधाभ्यो नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ मित्राय नमः l |
| पौराणिक मंत्र | मित्रं पद्मासनारूढं अनुराधेश्वरं भजे l शूलां कुशलसद्भाहुं युग्मंशोणितवर्णकम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | अनुराधाधिपोमित्रः आयुष्योवर्धकस्तथा l सर्वारिष्ट विनाशाय मित्रायच नमो नमः ll |
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अनुराधा
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