| नक्षत्र | पुर्वाभाद्रपदा |
| नक्षत्र देवता | अजैक चरण |
| नक्षत्र स्वामी | गुरू |
| राशी | कुंभ,मीन |
| योनी | सिंह |
| नाडी | आद्य |
| गण | मनुष्य |
| आयन अंश | ३२० ते ३३३.२० |
| नक्षत्र पाया | तांबा |
| दान वस्तु | सोने |
| मुख | अधो |
| दृष्टी | चिबिट |
| नक्षत्र तत्व | अग्नि |
| नक्षत्र संज्ञा | उग्र |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | आंबा |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | हिरडा |
| धार्यौषधि | माका |
| क्षेमकर वृक्ष | अडुळसा |
| नक्षत्र प्राणी | सिंह |
| नक्षत्र स्वभाव | उग्र |
| राशी व्याप्ती | पहिले ३ चरण कुंभ राशीमध्ये,बाकीचे १ चरण मीन राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | से(१),सो(२),दा(३),दी(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ पुर्वाप्रोष्ठपद्भ्यां नमःl |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ अजैकपदे नमःl |
| पौराणिक मंत्र | शिरसा महजं वंदे ध्येकपादं तमोपहम् l मुदे प्रोष्ठपदेवानं सर्वदेवनमस्कृतम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | अजायैकपदे नित्यं लोकस्यानंददायकः l सर्वारिष्ट विनाशाय तस्मै नित्यं नमो नमःll |
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पुर्वाभाद्रपदा
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