| नक्षत्र | रेवती |
| नक्षत्र देवता | पूषा |
| नक्षत्र स्वामी | बुध |
| राशी | मीन |
| योनी | गज |
| नाडी | अंत्य |
| गण | देव |
| आयन अंश | ३४६.४० ते ३६० |
| नक्षत्र पाया | सुवर्ण |
| दान वस्तु | महा |
| मुख | तिर्यक |
| दृष्टी | अंध |
| नक्षत्र तत्व | जल |
| नक्षत्र संज्ञा | मृदु |
| नक्षत्र आराध्य वृक्ष | मोह(मधुक) |
| नक्षत्र पर्यायी वृक्ष | जेष्ठमध/चिंच |
| धार्यौषधि | पिंपळ |
| क्षेमकर वृक्ष | उंबर |
| नक्षत्र प्राणी | हत्ती |
| नक्षत्र स्वभाव | मृदु |
| राशी व्याप्ती | ४ ही चरण मीन राशीमध्ये |
| चरणाक्षरे(चरणांक) | दे(१),दो(२),चा(३),ची(४) |
| नक्षत्र नाम मंत्र | ॐ रेवत्यै नमःll |
| नक्षत्र देवता नाममंत्र | ॐ पूष्णे नमःll |
| पौराणिक मंत्र | पूषणं सततं वंदे रेवतीशं समृध्दये l वराभयोज्वलकरं रत्नसिंहासने स्थितम् ll |
| नक्षत्र पीडाहर मंत्र | अधिपोरेवतीॠक्षः पशुरक्षणकस्तथा l सर्वारिष्ट विनाशाय तस्मै नित्यं नमो नमःll |
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रेवती
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